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|| श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् ||

भगवान श्री विष्णु के एक हजार नामों की महिमा अवर्णनीय है। इन नामों का संस्कृत रूप विष्णुसहस्रनाम के प्रतिरूप में विद्यमान है। विष्णुसहस्रना...

Sunday, 8 October 2017

॥ त्रैलोक्यमोहन गणेश सधना ॥

इस मंत्र की उपासना से विवाह दोष एवं विघ्न दूर होता है, सुयोग्य वर की प्राप्ती होती है । 

विनियोग : ॐ अस्य श्रीत्रैलोक्यमोहन  कर गणेश मंत्रस्य गणक ऋषि:, गायत्री छंद:, त्रैलोक्य मोहनकरो देवता, ममाभीष्ट सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः । 

ऋष्यादिन्यास :-
गणक ऋषये नमः शिरसि ।
गायत्री छन्दसे नमः मुखे ।
त्रैलोक्यमोहनकरो गणेश देवताये नमः हृदये ।
विनियोग नमः सर्वांगे ।

करन्यास :-
ॐ वक्रतुण्डैकदंष्ट्राये क्लीं ह्रीं श्रीं अंगुष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ गं गणपते तर्जनीभ्यां नमः ।
ॐ वरवरद मध्यमाभ्यां नमः ।
ॐ सर्वजनं अनामिकाभ्यां नमः ।
ॐ मे वशमानय कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।
ॐ स्वाहा करतलकर पृष्ठाभ्यां नमः ।

अङ्गन्यास :-
ॐ वक्रतुण्डैकदंष्ट्राये क्लीं ह्रीं श्रीं हृदयाय नमः ।
ॐ गं गणपते शिरसे स्वाहा ।
ॐ वरवरद शिखाये वषट ।
ॐ सर्वजनं कवचाये हुम् ।
ॐ मे वशमानय वौषट ।
ॐ स्वाहा अस्त्राये फट ।

ध्यान
गदाबीजपूरे धनुः शूल चक्रे सरोजतपले पाशधान्याग्र दंतान ।
करै संदधानम स्वशुण्डाग्र राजन मणि कुंभमंकाधीरूढं स्वपत्न्या ।। १ ।।
सरोजन्मना भूषणामभरेणो ज्ज्वलधस्त तन्व्या समलिंगतंगाम ।
करींद्राननं चंद्रचूड़म त्रिनेत्रम जगन्मोहनं रक्तकांतिम भजेत्त्तम ।।२ ।।

मंत्र - वक्रतुण्डैकदंष्ट्राये क्लीं ह्रीं श्रीं गणपते वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा ।

४ लाख जप का पुरश्चरण करें हवन, तर्पण, मार्जन एवं ब्रह्मभोज करायें, लाजा से होम करें ।



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