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|| श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् ||

भगवान श्री विष्णु के एक हजार नामों की महिमा अवर्णनीय है। इन नामों का संस्कृत रूप विष्णुसहस्रनाम के प्रतिरूप में विद्यमान है। विष्णुसहस्रना...

Saturday, 29 December 2018

|| श्री शरभेश्वर शतनाम स्तोत्र ||


विनयोग:- ॐ अस्य श्री शरभेश्वर शतनाम स्तोत्र मंत्रस्य, अधोर ऋषि:, अमृत गायत्रीछन्द:, महावीर शरभेश्वरो देवता शरभेश्वर प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः |

ऋष्यादिन्यास:- 
ॐ अघोर ऋषये नमः शिरसि |
अमृत गायत्री छन्दसे नमः मुखे|
तुभ्यमायाप शरभेश्वर देवतायै नमः ह्रदये
शरभेश्वर प्रीत्यर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे|

करन्यास एवं अगन्यास:-
खां,खीं,खू,खैं,खौ,खः, से करे |

मानस पूजन भी करे |

|| श्री नृसिंह उवाच ||

ॐ नमः शिवाय शान्ताय शंकारयर्ति हारिणे |
मयस्कराय पक्षिणामपतये शरभात्मने || १ ||

अंबिकापतये तुभ्यमुमायपतये नमः |
जताय वहुधा लाके प्रभुताय नमो नमः || २ ||

रुद्राय नीलरुद्राय व्तुभद्राय चेतसे नमः |
मीष्ढुष्टमायेदेवाय शिपिविष्टयपे नमः || ३ ||

नाराय च सुताराये तारणाय नमो नमः |
हरिकेशाय देवाय शम्भवेम शत्रवे || ४ ||

देवांना शम्भवे तुभ्यं मन्यवे रुद्ररूपिनो |
कपाद्दिने नमस्तुभ्यं कालकण्ठाय ते नमः || ५||

हिरण्यायनमस्तु श्रीकण्ठय नमो नमः |
नमो डमरु  त्रिशुलाय उग्राय च नमो नमः || ६||

भीमाय भीम रूपाय धर्मरूपाय ते नमः |
भस्मदाय शरीराय कमण्डलु धराय च ||७||

नमो हस्वाय दीर्धाय वामनाम नमो नमः |
अग्रेश्वराय वै तुम्भ नमो दूरतराय च ||८||

धनिदने शुलने तुभ्य दैत्यानां मर्म भेदिने |
सधोजाताय -वरम धोराय च नमो नमः || ८ ||

तत्पुरुषाय नमस्तुभ्यं ईशानाय नमो नमः |
ब्रहनो -विष्णु रूपए रुद्राय शिव रुपीणो ||९ |

नमो रुद्राय कल्पाय महाग्रासाय विधावे |
नमो भवाय शर्वाय नमः पर शिवायते || १० ||

काल -कलाय -कलाय महाकालाय मृत्यवे |
वीराय वीरभद्राय क्षीयकाराय शुलिने || १२ ||

महादेव महते पशूनाम्पतये नमः |
एकाय नीलकण्ठाय पिनाकिने || १३ ||

नमोड़ंनतय सुक्ष्माय नमस्ते मृत्यु -मृत्युवे |
पराय च परमेशाय प्रातपरतरयते || १४ ||

प्रातपराय विश्वाय नमस्ते विश्वमूर्तये |
नमो विष्णुकलत्राय विष्णश्रेत्रय भावने || १५ ||

कैवतराय कीरताय महाव्याधाय शाश्वते |
भैरवाय शरणनाय काम -कालपुररये || १६ ||

नमः पापोध शहंत्रे विष्णुकालान्त कारिणे |
त्रयम्बकाय त्रयश्रराय शिपविष्टाय मीढ़ष || १७ ||

निरालं च नित्याय शम्भवे वायु सम्भ्वे |
भवोद्वाय शुद्धाय सर्वदेवोद्द्वायते || १८ ||

मृत्युजज़्वाय सर्वाय सर्वज्ञाय मखरये |
मखेशाय वरेण्याय नमस्ते वाहिरुपिनो || १९ ||

मेधवहाय देवाय पेपार्वतीपतये नमः |
अव्यत्काय विक्रराय स्थिराय स्थिरधनीवने || २० ||

स्थाणवे कृतिवासय नमः प्च्चार्थ हेतवे |
नमस्ते द्विजराजय धनाणाम्पतये नमः || २१ ||

योगीश्वराय नित्याय सत्वाय परमेष्ठ्नि नमः |
सर्वात्मने नमस्तुभ्यं नमः सर्वेश्वरय्ते || २२ ||

एक- द्वि-त्रि  चतुः पच्च कृत्वास्तेड़स्तु नमो नमः |
दष्कृतवः शतुकृत्व:सहस्त्रकृत्वो नमो नमः || २३ ||

नमोड़परिमितिं कुत्वेडनतकुत्वे नमो नमः |
ॐ नमः शालुवेशाय शरभेशयते नमः || २४ ||


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